फिटर को कई प्रकार के कार्य करने पड़ते हैं जैसे कि ड्रिलिंग ,मिलिंग,टर्निंग, कटिंग , रिमिंग इत्यादि. तो इन सभी कार्यों को करने के लिए अलग-अलग प्रकार के औजारों की आवश्यकता पड़ती है जैसे कि कार्य खंड को पकड़ना, तारों को काटना , पाइप फिटिंग इत्यादि, तो कौन से काम को करने के लिए किस प्रकार के औजार की आवश्यकता होती है आज की इस पोस्ट में आपको इसी के बारे में जानने को मिलेगा.
कार्य खंड को पकड़ने वाले औजार : सबसे पहले इन्हें औजारों की बात करते हैं जो कि कार्यक्रम को पकड़ के रखने में मदद करते हैं किसी भी कार्यक्रम को पकड़ने के लिए वॉइस का इस्तेमाल किया जाता है ताकि कार्य कांड मजबूती से पकड़ा जा सके और उस पर किसी प्रकार का कोई भी कार्य करने पर वह बिल्कुल भी ना हिले .वॉइस कई प्रकार के होते हैं जिनकी जानकारी नीचे दी गई है.
वाइस के प्रकार (Types of Vice)
वाईस का प्रयोग प्रायः कार्यखंड को रेतने (Filing), हैक्सा से धातु को काटने (Sawing), चुड़ी काटने (Threading), छैनी से धातु छिलने (Chipping) तथा अन्य संक्रियाओं के दौरान कार्यखंड को पकड़ने के लिए किया जाता है
1.बैंच वाईस (Bench Vice)
2.शीघ्रता से खुलने वाले वाइस (Quick Releasing Vice)
3.पाइप वाइस (Pipe Vice)
4.दस्ती वाइस (Hand vice)
5.पिन वाइस (Pin Vice)
6.टूल मेकर्स वाइस (Tool Makers Vice)
7.लैग वाइस (Leg Vice)
8.मशीन वाइस (Machine Vice)
2.शीघ्रता से खुलने वाले वाइस (Quick Releasing Vice)
3.पाइप वाइस (Pipe Vice)
4.दस्ती वाइस (Hand vice)
5.पिन वाइस (Pin Vice)
6.टूल मेकर्स वाइस (Tool Makers Vice)
7.लैग वाइस (Leg Vice)
8.मशीन वाइस (Machine Vice)
क्लैम्प (Clamp)
यह एक ऐसी युक्ति है जो संक्रियाएं करते समय कार्यरखंड को हिलने (कपन) से रोकने के लिए प्रयोग की जाती है। कार्य दशा तथा दिशा के अनुसार क्लैम्प विभिन्न प्रकार के होते हैं।
क्लैम्प के प्रकार (Types of Clamp):– कार्य को पकड़ने वाले क्लैम्प निम्नलिखित प्रकार के होते हैं :
1.सी-क्लैम्प (C-Clamp)
2. टूल मेकर्स क्लैम्प (Tool Makers Clamp)
3. यू-क्लैम्प (U-Clamp)
1.सी-क्लैम्प (C-Clamp)
2. टूल मेकर्स क्लैम्प (Tool Makers Clamp)
3. यू-क्लैम्प (U-Clamp)
चोट मारने वाले औजार (Striking Tools) :– कार्यशाला में चोट मारने वाले विभिन्न प्रकार के औजार प्रयोग किये जाते हैं, जिनका वर्णन निम्नलिखित हैं :
हथौड़ी (Hammer)
हथौड़ी एक चोट मारने का साधन है। जिसके द्वारा विभिन्न कार्य किये जाते है। हथौड़े के प्रयोग (Uses of Hammer) :- हथौड़ी एक चोट मारने की युक्ति है। जिसके द्वारा निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं :
1.पचिंग (Punching)
2.मोड़ना (Bending)
3.सीधा करना (Straightening)
4.चिपिंग करना (Chipping)
5.फोर्जिग (Forging)
6.रिवेटिंग (Riveting)
1.पचिंग (Punching)
2.मोड़ना (Bending)
3.सीधा करना (Straightening)
4.चिपिंग करना (Chipping)
5.फोर्जिग (Forging)
6.रिवेटिंग (Riveting)
हथौड़े के भाग
हथौड़े के भाग निम्नलिखित
1.फलक (Face)
2.पीन (Pein)
3.चीक (Cheek)
4.नेत्र छिद्र (Eye Hole)
1.फलक (Face)
2.पीन (Pein)
3.चीक (Cheek)
4.नेत्र छिद्र (Eye Hole)
छेनियाँ
हल्के व पतले अवयवों को काटने के लिए सबसे अधिक प्रयोग में आने वाला औजार छेनी है। छेनी को बनाने के लिए हाई कार्बन स्टील (high carbon steel) का गोल, षट्भुजाकार या अष्टभुजाकार लट्ठा प्रयोग किया जाता है। छेनी का कोई निश्चित साइज (size) नहीं होता। आवश्यकतानुसार ये छोटी-बड़ी हर साइज की प्रयोग की जाती हैं।
छेनियों के प्रकार
छेनियों का प्रयोग धातु की ठण्डी व गरम दोनों अवस्थाओं में किया जाता है। अतः छेनियों को दो प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है।
गरम छेनी :यह छेनी धातु अवयवों को गर्म अवस्था में ही काटने के काम में लाई जाती है। इसकी आवश्यकता फोर्जिंग शॉप (forging shop) में अधिक रहती है। इसकी कटाई धार (cutting edge) का कोण 30° होता है.
ठण्डी छेनी : द्वारा धातु खण्डों को ठण्डी अवस्था में काटा जाता है। लगभग प्रत्येक शॉप में इसके प्रयोग की आवश्यकता रहती है। विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग आकार (shape) की छेनियाँ प्रयोग की जाती हैं।
ठण्डी छेनी के प्रकार
- फ्लैट छेनी
- क्रॉस कट छेनी
- डायमण्ड प्वॉइण्ट छेनी
- हाफ राउण्ड छेनी
- गऊ-मुख छेनी
- खोखली छेनी
- ऑफसैट छेनी
- वेब छेनी
पेंचकस
पेंचकस एक ऐसा औजार है जिसके द्वारा किसी पेंच को कसा या ढीला किया जा सकता है। कार्य की स्थिति के अनुसार ये अलग – अलग लंबाई तथा अलग-अलग प्रकार की टीप होती हैं । ये अधिकांश 50 मि. मी. से 150 मि. मी. तक के साइज में उपलब्ध होते हैं.
पेंचकस के प्रकार
Types of Screw Driver In Hindi :- कार्य की स्थिति के अनुसार पेंचकस विभिन्न प्रकार के होते हैं:
- मानक पेंचकस
- फिलिप्स पेंचकस
- आफसैट पेंचकस
- कुचालक पेंचकस
रेतियाँ
किसी कार्यखण्ड की सतह से खुरदरी सतह (rough surface) वाले टूल को रगड़कर पदार्थ को चूर्ण के रूप में हटाने की प्रक्रिया को रेतना (filing) कहते हैं तथा इस टूल को रेती (file) कहा जाता है। रेती का टर्नर द्वारा टर्नर शॉप में प्रयोग किया जाता है।
रेतियों के प्रकार
रेतियाँ निम्न आधार पर वर्गीकृत की जा सकती हैं।
- हस्त रेती
- फ्लैट रेती
- पिलर रेती
- मिल रेती
- वार्डिग रेती
- त्रिभुजाकार रेती
- वर्गाकार रेती
- गोल रेती
- अर्द्ध गोल रेती
- नाइफ-एज रेती
Spanners
नट बोल्टों को खोलने व कसने वाले औजार विभिन्न प्रकार के प्रयोग किये जाते हैं। जिनका वर्णन निम्नलिखित है :स्पैनर्स स्पेनर एक दस्ती माध्यम है जिसका प्रयोग नट तथा बोल्ट को कसने या ढीला करने के लिए किया जा सकता है।
स्पेनर्स के प्रकार
स्पेनर्स प्रायः चार प्रकार के होते है जो निम्नलिखित है :
1 ओपन एण्ड स्पेनर्स (Open End Spanners)
2. रिंग स्पेनर्स (Ring Spanners)
3. विशेष स्पेनर्स (Special Spanners)
4. एलन की (Allen Key)
1 ओपन एण्ड स्पेनर्स (Open End Spanners)
2. रिंग स्पेनर्स (Ring Spanners)
3. विशेष स्पेनर्स (Special Spanners)
4. एलन की (Allen Key)
1 ओपन एण्ड स्पेनर्स : इस प्रकार के स्पैनर्स के सिरे खुले होते है जो नट या बोल्ट को बाहर की तरफ से प्रवेश करके पकड़ते हैं ।
ओपन एण्ड स्पैनर्स के प्रकार :- ये दो प्रकार के होते हैं:
ओपन एण्ड स्पैनर्स के प्रकार :- ये दो प्रकार के होते हैं:
- सिंगल एण्डेड स्पेनर
- डबल एण्डेड स्पेनर
2.Ring Spanners : रिंग स्पैनर्स के सिरे गोलाकार होते हैं और इनमें सिरेटिड खांचे बने होते हैं । इनका प्रयोग उन स्थानों पर किया जाता है जहाँ पर नट के साइड के नजदीक घुमाने के लिए बाधा आती हो तथा ओपन एण्ड स्पेनर के प्रयोग सम्भव न हो.
3.Tublar Box Spanner : ये स्पैनर खोखले ट्यूब के बने होते हैं। इसको घुमाने के लिए लोहे की छड़ (Tommy Bar) प्रयोग की जाती है। साइजानुसार इनको दोनों सिरों से प्रयोग किया जा सकता है।
4.Socket Spanner : सॉकेट स्पेनर्स में सिरेटिड खांचे बने होते हैं जो नट-बोल्ट को सुरक्षित व मजबूती से पकड़ते हैं। इसको ड्राइव एटैचमेंट में डालकर स्लाइडिंग हैण्डल की मदद से घुमाकर प्रयोग किया जाता है। इस ड्राइव एटैचमैंट में विभिन्न साइजों की सॉकेट फिट की जा सकती है।
5.Adjustable Spanner : समायोजित स्पैनर्स में एक फिक्स जबड़ा तथा दूसरा स्टेशनरी जबड़ा होता है। इस चल जबड़े को नर्लिंग नट की सहायता से नट-बोल्ट के साइज पर एडजैस्ट किया जाता है। अच्छी पकड़ के लिए इसमें हैण्डल बना होता है।
6.Allen Key : यह एक ऐसा स्पैनर होता है जो षट्भुजाकार (Hexagonal) का बना होता है तथा एल- आकृति (L Shape) में मुड़ा होता है। इसका प्रयोग एलन स्क्रू या सॉकेट हैड स्क्रू को खोलने व कसने के लिए किया जाता है.
पाइप रैंच
पतली पाइप, ट्यूब तथा बेलनाकार वस्तु को पकड़ने वाले टूल को पाइप रैंच (Pipe Wrench) कहते है।
पाइप रैंच के प्रकार
पाइप रैंच निम्नलिखित चार प्रकार के होते हैं :
1 स्टिलसन पाइप रैंच
2. चैन रैंच
3. स्ट्रैप रैंच
4. फुट प्रिंट रैंच
1 स्टिलसन पाइप रैंच
2. चैन रैंच
3. स्ट्रैप रैंच
4. फुट प्रिंट रैंच
Hacksaw
कार्यशाला में अक्सर लोहे के लट्ठों, प्लेट, पाइप या शीट आदि को काटने की आवश्यकता रहती है। यह कार्य टर्नर शॉप में हैक्साँ द्वारा ही किया जाता है। हैक्सॉ का मुख्य भाग उसका फ्रेम होता है, जोकि ‘C’शेप में होता है। इसके एक सिरे पर स्थिर स्क्रू लगा होता है, जिसमें अन्दर की ओर पिन तथा बाहर की ओर हैण्डिल लगा होता है। दूसरे सिरे पर एक स्लाइडिंग स्क्रू लगा होता है, जिसमें फ्रेम के अन्दर की ओर पिन लगी होती है तथा बाहर की ओर से एक फ्लाई नट लगाया गया होता है। दोनों पिन हैक्साँ ब्लेड में बने छिद्रों में लगा दी जाती हैं तथा इसके बाद फ्लाई नट को कसने पर ब्लेड टाइट फिट हो जाता है। अब हमारी हैक्साँ कार्य करने के लिए तैयार है.
प्लास
प्लास दो टांगों एक जोड़ा होता है जो एक धूरी (Pivot) पर घुमता है तथा इसमें एक जोड़ा जबड़ा होता है जिसकी सहायता से वस्तु को पकड़ कर कार्य किया जाता है। प्लास को पकड़ने के लिए दो हैण्डल व्यवस्थित होते है.
प्लास के प्रकार
कार्य की स्थिति के अनुसार प्लास विभिन्न प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं:
1. कम्बीनेशन प्लास : कम्बीनेशन प्लायर्स सर्वाधिक प्रयोग होने वाला टूल है। इसके हैण्डल पर इन्सुलेटिड परत चढ़ा कर विद्युतीय कार्य में प्रयोग किया जाता है.
2. चपटी नासिका प्लास : इसकी नोज आगे से टेपर तथा चपटी बनी होती है। इसके दोनों जबड़े अंदर से समतल या सिरेटिड होते है.
3. गोल नासिका प्लास : इस प्लास के दोनों जबड़े प्रायः गोलाकार बने होते हैं तथा लंबाई में टेपर होते है.
4. स्लिप जोड़ प्लास : इस प्रकार के प्लास में एक धुरी पिन (Pivot Pin) लगी रहती है जिसकी सहायता से एडजेस्ट करके विभिन्न रेंज में खोल सकते हैं।
5. अन्त कर्त्तन प्लास : इस प्लास का प्रयोग प्रायः किसी धातु के तार को अन्तिम सिरे से काटने के लिए किया जाता है।
6.आंतरिक सर्किलप प्लायर्स : इस प्लास का प्रयोग एसेम्बली कार्य हेतु बोर के खांचे में आंतरिक सर्किलप को फिट करने तथा निकालने में प्रयोग किया जाता है।
7. स्लिप जोड़ बहु-पकड़ प्लास : इस प्रकार के प्लास के जबड़े ज्यादा खुल सकते हैं। इसमें धुरी (Pivot) समायोजन की क्षमता होती है। इसके जबड़ो से वस्तु को कई स्थितियों में समानांतर पकड़ सकता है।
8. साइड कर्त्तन प्लास : इस प्लास के जबड़े इतने तेज होते हैं की धातु की पतली पती या तार को आसानी से काट सकते हैं।
तो अब आपको पता चल गया होगा की फिटर को कोण कोण से ओजारों का इस्तेमाल करना पड़ता है .आज की इस पोस्ट में आपको iti fitter tools name pdf iti fitter tools pdf download fitter tools name in hindi pdf iti fitter tools name and photo iti fitter trade tools images pdf hand tools names and pictures iti fitter tools images pdf fitter tools images with name pdf से संबधित पूरी जानकारी दी गयी है अगर इसके बारे में कोई भी सवाल या सुझाव होतो नीचे कमेंट करके पूछे .
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